रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच में पश्चिमी देशो ने रुसी तेल पर बेन लगा दिया गया है और अब इस बेन का असर भारतीय रिफाइनरियों पर भी देखने को मिला है जानकारी के मुताबित प्रतिबंधों के लागू होने के बाद से भारतीय रिफानरियो ने रुसी तेल की खरीद के लिए कोई नया आर्डर नहीं दिया है
वे सरकार और तेल सप्लायर्स की और से स्पष्ट दिशा निर्देश का इंतज़ार कर रही है कुछ रिफायनरी कम्पनिया अपने कच्चे तेल की जरुरत पूरी करने लिए स्पॉट मार्केट का रुख कर रही है रॉयटर्स ने सूत्रों के मुताबित बताया है कि सरकारी कंपनी इंडियन आयल ने एक टेंडर जारी किया है वही सूत्रों के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्री ने स्पॉट मार्केट से तेल की खरीद बढ़ा दी है
कई देशो ने लगाया बेन
यूरोपियन यूनियन (ईयू), यूके और यूएस ने रूस के यूक्रेन पर हमले के जवाब में कई तरह के बेन लगाए है जिसमे की हाल ही में गुरुवार को अमेरिका द्वारा रूस के दो बड़े तेल उत्पादकों लुकोइल और रोसनेफ्ट पर लगाए गए नए बैन भी शामिल हैं।
क्या बेन से दूर होगी बाधा
इंडियन आयल अमेरिका के नये बेन प्लान का पालन करने के लिए रुसी तेल का आयत काफी कम करने की तैयारी में है इससे अमेरका के साथ - साथ भारत के व्यापारिक समझौते में एक बहुत बड़ी बाधा दूर हो सकती है आपको बता दे की पिछले हफ्ते भारत के सबसे बड़े खरीददार रिलायंस ने कहा कि वह प्रतिबंधों का पालन करेगी लेकिन इसके चलते वो अपने मौजूद सप्लायर्स से सम्बन्ध बनाये रखेगी जानकारी के मुताबित रिलायंस ने अभी तक नए तेल कार्गो के लिए आर्डर नहीं दिए है और इसके साथ ही उन्होंने कुछ व्यापारियों के आर्डर रद्द कर दिए है जिनके सम्बन्ध प्रतिबन्ध संस्थानों से थे सूत्रों के मुताबित हमे ये सुनिश्चित करना है हमारी खरीद बैन एजेंसीज से न जुड़ा हो क्यूंकि बैंक भुगतान की सुविधा नहीं देगी












